Dev Deepawali 2022

Dev Deepawali 2022

हर हिन्दू वर्ष में दीपावली 3 बार आती है, सबसे पहले पितृपक्ष की अमावस्या के दिन पितृ दीपावली, उसके बाद कार्तिक अमावस्या के दिन मानवीय दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली। पितृ दीपावली इस लिए कि पितर भी देव का रूप होते हैं, और उनके आदर सम्मान में इस दिन पितरों की दिवाली मनाई जाती है, हर हिन्दू सनातनी पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन सायंकाल कम से कम एक आकाश दीप अवश्य प्रज्वलित करते हैं। और गया जी में तो इस रात्रि भव्य हजारों दीपों को प्रज्वलित कर पितृ दीपावली मनाई जाती है। इसके ठीक एक महीने बाद कार्तिक अमावस्या हर भारतीय के लिए दीपावली का पर्व लेकर आती हैं। इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली कहलाती है। पर यह देव दीपावली मानवीय दिवाली संपन्न होने के बाद क्यों मनाई जाती है? और यह देवताओं की दीपावली कैसे है ? –

कार्तिक मास की अमावस्या पर मानवों के द्वारा दीपावली मनाए जाने के ठीक 15 दिन बाद देवतागण भी बड़ी धूम-धाम से दिवाली मनाते हैं. मान्यता है कि देव दीपावली पर्व को मनाने के लिए सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतर कर आते हैं, प्राचीन नगरी काशी में इन देवी-देवताओं के स्वागत में लोग लाखों की संख्या में दीये जलाकर यह पर्व मनाते हैं। देव दीपावली का यह पावन पर्व इस वर्ष 2022 में 7 नवम्बर को मनाया जाएगा।

इस दिन किए जाने वाले दीपदान का क्या महत्व है – कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले देव दीपावली पर्व के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, जिसके बाद सभी देवी-देवताओं ने त्रिपुरासुर पर मिली विजय की प्रसन्नता में दीप जलाकर अपनी खुशी को प्रकट किया था। एक मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने सृष्टि का पालन करने के लिए मत्स्य रूप धारण किया था, और मान्यता यह भी है कि भगवान श्री विष्णु के चिरनिद्रा से जागने पर देवी-देवता धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा भगवान श्री विष्णु के साथ करते हैं. देव दीपावली के दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी जी की पूजा का भी विशेष महत्व है।

इस दिन काशी में उतर आता है पूरा देवलोक –
देव दीपावली का पर्व काशी में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन गंगा नदी के घाटों पर लाखों दीये जलाकर देवी-देवताओं का स्वागत एवं पूजन किया जाता है, देव दीपावली वाले दिन जिस समय वाराणसी में गंगा के घाटों पर दीपदान होता है, उसे देखकर सचमुच लगता है कि पूरा देवलोक पृथ्वी पर उतर आया है, इस अलौकिक दृश्य को देखने के लिए बहुत से लोग देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं।

इस वर्ष 2022 में देव दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त –
देव दीपावली का यह पावन पर्व इस वर्ष 07 नवंबर सोमवार 2022 को मनाया जाएगा, इस वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर 2022 को सायंकाल 04:15 से प्रारंभ होकर 08 नवंबर 2022 सांय तक रहेगी। इस वर्ष देव दीपावली के दिन देवी-देवताओं के लिए किए जाने वाले विशेष दीपदान एवं पूजा का शुभ मुहूर्त सायंकाल 05:14 से लेकर 07:49 बजे तक रहेगा।

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