कलावा (मौली)
- 03-07-2020
- By : Dr. R. B. Dhawan
कलावा बांधने के पीछे छुपा हुआ है वैज्ञानिक रहस्य, जो कम लोग ही जानते होंगे, हमारे भारत देश में ऐसे बहुत से लोग है जो केवल भगवान् में बल्कि भगवान् के नाम से जुडी {…}
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Read Moreआयुर्वेद-शास्त्र की गणना उपवेदों में है। महर्षि शौनकरचित ‘चरणव्यूह’ ग्रन्थ में इसे ऋग्वेद का तथा ‘सुश्रुत’ में अथर्ववेद का उपवेद बतलाया गया है। इसमें आयु के संरक्षण एवं उसकी वृद्धि के विविध उपाय वर्णित {…}
Read Moreनेत्र रोग का समूल नाश करने वाली ‘चाक्षुषी विद्या’ का वर्णन चाक्षुषोपनिषद् में उपलब्ध है। इस मंत्र का पाठ यदि 3 वर्ष निरंतर कर लिया जायेगा तब बिल्कुल नष्ट हुई नेत्र ज्योति पूरी तरह {…}
Read Moreरोग की कभी-कभी पहचान नहीं हो पाती और गलत उपचार के कारण रोगी की मृत्यु हो जाती है, मगर यदि डॅाक्टर, वैद्य या चिकित्सक इस कार्य के लिए ज्योतिष का सहारा लें, तो वह {…}
Read Moreउज्जयिनी में राजा चंद्रसेन का राज था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। शिवगणों में मुख्य मणिभद्र नामक गण उसका मित्र था। एक बार मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को एक अत्यंत तेजोमय ‘चिंतामणि’ {…}
Read Moreमस्तक पर तिलक – सनातन संस्कृति के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं और भी प्रचलित हो। यह सनातन हिन्दू संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है {…}
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