Author: Team aaditya

Marak Grah

मारक ग्रह :- महर्षि पाराशर ने द्वितीय-सप्तम भाव को मारक स्थान की संज्ञा दी है और इनके स्वामियों को मारकेश, वहीं द्वितीयेश एवं सप्तमेश पर जिन ग्रहों की दृष्टि पड़ती हो वे भी मारकेश {…}

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Gayatri Maha Vigyan – 2

शास्त्र का कथन हैं कि- ‘संदिग्धो हि हतो मन्त्र व्यग्रचित्ती हतो जपः’ सन्देह करने से मंत्र हत हो जाता है, और व्यग्रचित्त से किया हुआ जप निष्फल रहता है, संदिग्ध, व्यग्र, अश्रद्धालु और अस्थिर {…}

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Aadhunik Vaastu Shastra

पिछले लगभग बीस-तीस वर्षों से प्रतिस्पर्धा का माहौल होने से हमारे जीवन में तनाव काफी बढ़ गया है। इससे मानसिक अवसाद और इससे शारीरिक व्याधियाँ हमें परेशान कर रही है। वास्तुशास्त्र चूँकि प्रकृति से {…}

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Achook Shabar Mantra – I

अचूक शाबर मंत्र शाबर मंत्र आज के आधुनिक युग में उतने ही विश्वसनीय हैं जितने शास्त्रीय या वैदिक मंत्र। शाबर मंत्रों पर विशेषाधिकार तो पिछड़े वर्ग के या कम पढे-लिखे मांत्रिकों का ही रहा {…}

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