महाकाल
- 29-04-2020
- By : Dr. R. B. Dhawan
उज्जयिनी में राजा चंद्रसेन का राज था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। शिवगणों में मुख्य मणिभद्र नामक गण उसका मित्र था। एक बार मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को एक अत्यंत तेजोमय ‘चिंतामणि’ {…}
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Read Moreसंगीत और ज्योतिष भारत अनादि काल से विभिन्न विद्याओं का उत्त्पत्ति स्थान रहा है। संगीत तथा ज्यौतिष का अन्योन्यश्रित सम्बन्ध है। ग्रहों के विशिष्ट स्थानों पर स्थित होने से जातक में गायन के गुणों {…}
Read Moreमस्तक पर तिलक – सनातन संस्कृति के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं और भी प्रचलित हो। यह सनातन हिन्दू संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है {…}
Read Moreआध्यात्मिक स्नान विधि सनातन संस्कृति में भोजन से भी ऊँचा स्थान स्नान का है, भोजन के लिये तो फिर भी स्वस्थ मनुष्य के लिये कभी-कभी निषेध किया जाना कोई बडी बात नहीं है, लेकिन {…}
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