संसार अनेक प्रकार के जीवों से भरा पड़ा है जिसमें मनुष्य एक विकसित प्राणी है। अपनी विकसित सोच और अदम्य इच्छा के फलस्वरूप यह मनुष्य आज हर चीज को सिद्ध करता जा रहा है। परिश्रम शील और मेहनतमुखी यह मनुष्य अपने हाथ से ही सारा कुछ काम करता है। इसलिये इसके हाथ में जो रेखायें होती हैं उसका अपने आप एक महत्वपूर्ण स्थान मनुष्य के जीवन में स्वतः ही बन जाता है। हाथों की लकीरों में मनुष्य के आने वाले कल की तस्वीर छुपी रहती है। इन लकीरों का अच्छा अध्ययन करवा कर मनुष्य अपने भाग्य का पिटारा खोल सकता है।
विविधता और जटिलता के इस युग में आज हर दिशा में गजब की प्रतियोगिता बनी हुई है। गला काट प्रतियोगिता के इस युग में अगर मनुष्य के हाथों की लकीरों का सही ढंग से विश्लेषण हो जायें तो उसे अपनी किस्मत के तारों को चमकाने के लिये एक रास्ता मिल जाता है। चार रास्तों से विपरीत अध्ययन के बाद मिला एक रास्ता मेहनतशील मनुष्य को उसकी मनचाही मंजिल पर पहुँचा जा सकता है। हाथों के सहारे अपनी किस्मत चमकाने के लिये बस एक योग्य हस्तरेखा शास्त्री की कुछ अच्छी सलाह पर अमल करने की जरूरत है फिर आप से आप यह विवेकवान मनुष्य धनवान बन जाता है। तो आईये जानिये कि किस प्रकार हाथ की रेखायें आपको धनी सम्पन्न और सुखी बनाने में सहायक हो सकती है।
(1) यदि मस्तिष्क रेखा पतली, दोनों हाथों में ऐसी रेखा शाखान्वित हो, अंगूठा पतला व लम्बा हो, अंगूठे का आगे वाला भाग नुकीला हो तो ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान, आर्थिक स्थिति को उन्नत बनाने वाले और छोटी आयु में ही सुखी सम्पन्न होते है।
(2) यदि अंगूठा चैड़ा हो तो थोड़ा क्रोधी स्वभाव होने से झंझटों के साथ सफलता मिलती है और ऐसे व्यक्ति के तारे गर्दिश में प्रायः कम ही जाते हैं यदि ग्रह उन्नत हो तो।
(3) यदि भाग्यरेखा जीवन रेखा से दूर हो और ये किसी भी रेखा पर न आकर सीधे शनि क्षेत्र पर जाती हो, भाग्य रेखा की संख्या एक से अधिक हो तो ऐसे व्यक्ति का व्यय आय से कम रहता है। यदि इन लक्षण के साथ सूर्य भी उच्च स्थिति का हो तो इनके सितारे हमेशा बुलंदियों में होते हैं।
(4) यदि भाग्य रेखा शाखान्वित हो भाग्य रेखा से कई रेखायें निकलकर चलती हो।, भाग्य रेखा दो या अधिक भागों में विभक्त हो, हाथ का शनि, गुरू व बुध ग्रह उन्नत हो और भाग्य रेखा से कोई शाखा निकलकर सूर्य पर जाती हो तो व्यक्ति उस आयु में ऐसा कोई कार्य करता है जिससे उसको प्रसिद्धि व उच्च पद प्राप्त होता है। इनके ग्रह उन्नत हों तो ये जीवन में ऊँचा जाते हैं।
(5) यदि हाथ भारी हो, अंगुलियाँ सीधी हों व हृदय तथा मस्तिष्क रेखा के बीच अंतर हो, भाग्य रेखा की संख्या एक से अधिक हो तो भी ऐसे व्यक्ति की तकदीर इतनी अच्छी होती है कि बैठे बिठायें उनके हाथों में इतने प्रपोजल आ जाते हैं। या लोगों की सहायता मिल जाती है कि वो अपने घर परिवार और जीवन को असीम ऊँचाइयों पर ले जाते हैं।ऐसे तमाम लक्षणों के अलावा और भी कई ऐसे लक्षण है जिनको जानकर आप अपने भाग्य की तस्वीर और सुनहरी कर सकते हैं। ऐसे में परंतु आपको जरूरत है एक योग्य हस्तरेखा शास्त्री की जो आपको जीवन के अनछुऐ रहस्यों से अवगत करायें।